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महाराजा श्रेणिक का एक अत्यन्त प्रिय एवं
प्रतिभाशाली पुत्र मेघ कुमार को। प्र. १६६ मेघ कुमार को क्या जिज्ञासा हुई थी ?
प्रभु के आगमन का समाचार सुनकर उसे उत्कंठा हुई कि महावीर कौन हैं ? ऐसा क्या आकर्षण है उनमें ? क्यों यह अपार जनसमूह उनके दर्शनों के लिए उमड़ रहा है ? इस प्रकार जिज्ञासा की लहरें उसके मानस-सागर में प्रवल वेग से उठने लगी। वह इस उत्कंठा के प्रवाह को रोक नहीं सका! अपने रथ में बैठकर सीधे गुरगशील चैत्य की ओर प्रस्थान
किया। प्र. १७० मेघ कुमार ने गुणशील चैत्य में क्या देखा?
मेघ कुमार गुणशील चैत्य में पहुंचा तो वहाँ पर पहले से ही महाराजा श्रेणिक, महारानी माता धारिणी. महारानी चेलणा, अभय कुमार तथा राजगृही के हजारों श्रेष्ठी, सामन्त और साधारण नागरिक गण को
उपस्थित देखा। . ..... प्र. १७१ मेघकुमार को सबसे अधिक प्राश्चर्य की बात
क्या लगी थी?
उ.