________________
( १६५ )
८वें अंकपितजी और हवें अचल भ्राताजी दोनों की समान वाचना होने के कारण एक गच्छ बना । १० • वें मेतार्यजी और ११वें प्रभासजी दोनों की समान वाचना होने के कारण एक गच्छ बना । ऐसे ११ गणधरों के नव गच्छ बने ।
प्र. १६० म. स्वामी ने श्रमणों का दायित्व किसे सौंपा था ?
उ.
इन्द्रभूति गौतम श्रादि ११ गणधरों को ।
प्र. १६१ म. स्वामी ने श्रमणियों का दायित्व किसे
·
सौंपा था ।
साध्वी चन्दनबालाजी को ।
उ
प्र. १६२ म. स्वामी के धर्मसंघ में कितने प्रकार के साधक थे ?
.
उ.
साधना की दृष्टि से भगवान महावीर के धर्मसंघ में तीन प्रकार के साधक थे ?
प्र. १६३ म. स्वामी के धर्मसंघ में कौन २ से तीन प्रकार के साधक थे ?
उ.
( १ ) प्रत्येक बुद्ध - जो प्रारम्भ में ही संघोय मर्यादा से मुक्त रहकर साधना करते रहते थे ।