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प्र. ३७६ म. स्वामी का एक बोल क्यों पूर्ण नहीं
हुआ था ?
प्रभुको पधारते देखा तो, उसका रोम-रोम
नाच उठा, दुःख की भीषण ज्वाला के बीच सुख की यह मधुर वयार उसके तन- मनको प्रफुल्लित कर गई । प्रभु के दर्शन कर चन्दना हर्ष विभोर हो गई, परिणामत: उसके आँसू सूख गये और इस प्रकार अभिग्रह अपूर्ण देखकर प्रभु वापस लौट गये ।
प्र. ३५० म. स्वामी के वापस लौटने पर चन्दना को क्या हुआ था ?
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उ. प्रभु को वापस लौटते देखकर चन्दना की आँखें अपने दुर्भाग्य पर बरस पड़ी ।
प्र. ३८१ म. स्वामी ने अभिग्रह पूर्ण होने पर किससे आहार दान लिया था ?
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चन्दना की आँखों में धारा देखकर प्रभु वापस लौट गये । उन्होंने चन्दना के हाथों से
आहार दान लिया |
प्र. ३८३ म. स्वामी ने अभिग्रह पूर्ण होने पर किससे पाररणा किया था ?