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विषयों पर जीवन प्रेरक प्रवचनमाला का आयोजन, भिन्न-भिन्न प्रभावना, तप-साधकों का सम्मान, सामूहिक पारणा का प्रसंग यथाक्रम बहुत ही सफल रहे । प्रबोधक जैन प्रदर्शनी
महावीर निर्वाण महोत्सव के बाद श्रुत ज्ञान पंचमी के उपलक्ष में पूज्य मुनिद्वय की प्रेरणा से जैन ज्ञान प्रदर्शनी का विशाल आयोजन जैन - जैनेत्तर जनता के लिए किया गया जो ज्ञान प्रबोधक, अपूर्व और आकर्षक रहा । बाल- शिविर अभियान
चातुर्मास में प्रति शनि-रविवार को बाल-शिविर में बच्चों ने धार्मिक विधियों का क्रियात्मक प्रयोग सीखा एवं जैन तत्त्वबोध का रसास्वादन किया । जैन संस्कारों के अभिज्ञान से वे सुसंस्कृत बने । अंग्रेजी शिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चे भगवान महावीर और जैनधर्म की विशेषताएँ समझकर अपनेआपको जैन वोलने में मुनिश्री का ज्ञान-दान गौरव अनुभव करने लगे । अभियान परमोपकारी रहा ।
पंचवर्षीय जन-जागृति अभियान
संत द्वयने हमें ज्ञान-ध्यान, तप त्याग का अपूर्व लाभ दिया चातुर्मास समाप्ति पर जैनसभा की ओर से ससम्मान विदाई लेकर वालीगंज आदि कलकत्ते के अनेक स्थानों