________________
(. ११८ )
... . है। उसने जहरीले भयभीत वातावरण ... . में सहसा स्नेह और मोह की मदिरा . बिखेर दी। महावीर के समक्ष सिद्धार्थ
और त्रिशला की करुण-विलाप करते ... . हुए उपस्थित किया, किन्तु महावीर का
ध्यान भंग नहीं हुआ। (१४) महावीर दोनों पैर सीधे सटाये खड़े थे ।
संगम ने पैरों के बीच में आग रख दी .. और उन पर स्वयं रसोइया बनकर खीर
पकाने लगा। . (१५) उसने चंडाल रूप धारण कर अनेक • . . . पक्षियों के पिंजरे महावीर के तन पर
लटका दिये, पक्षियों की तीखी चोंच और न्ख प्रहार से पुनः महावीर के शरीर
को लहु-लुहान कर दिया। (१६) अब उठा भयंकर तूफान, तीखी तेज हवा
तेज वर्षा की बूंदों का कंपा देने वाला प्रहार, वृक्षों को उखाड़ कर धराशायी कर देने वाला पवन वेग, किन्तु महावीर . तो अडोल, अचल खड़े रहे, खड़े ही रहे ।