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( ६२ ) देखकर शिष्य (?) गौशालक भी चुप रहा । आरक्षकों ने उन्हें गुप्तचर समझकर पकड़ लिया. और अनेक प्रकार की यातनाएं दीं। महावीर ने अपने बचाव के लिए कोई भी प्रतिकार नहीं किया, गौशालक ने भी कोई सफाई नहीं दी।
प्र. २०६ म. स्वामी को आरक्षकों ने क्या उपसर्ग दिया...
था?
म. स्वामी को मौन देखकर आरक्षकों ने उनको गुप्तचर समझ लिया। तब दोनों को ( महावीर और गौशालक ) रस्से से बाँधकर कुए में उतारा गया और बार-बार डुबकियां लगवाई गई। फिर भी दोनों ने अपना मौन नहीं तोड़ा। लोग स्तब्ध थे कि इतनी कठोर यन्त्रणा पाने
पर भी ये चुप हैं, 'कैसे हैं ये गुप्तचर ?" प्र. २१० म. स्वामी का परिचय आरक्षकों से किसने
करवाया था ? उ. गुप्तचरों की चर्चा सुनकर वहाँ रहने वाली दो
परिब्राजिकाएँ-शोभा और 'जयन्ती ऊन्हें देखने