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जिनका जीवन
सम्यक् दर्शन-ज्ञान-चरित्र का
शरच्चन्द्र है
जिनकी मुक्ति
जगत के जीवो को सहस्ररश्मि बनकर
पथ प्रशस्त किया करती है
जिनकी
परम शान्त मुद्रा से वीतरागता झलकती है
उन सन्मति के
श्री चरणो मे कोटि कोटि है
- नमन हमारा
परम पुनीत पच्चीसवे शतक पर भाव भीनी विनयाञ्जलि
अर्पयिता :
प्रकाशचन्द समैया बजाज
मु० पो० कवरई (जिला हम्मीरपुर) उ० प्र०