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जिनका
परमौदारिक शरीर काम क्रोधादिक सर्व निदनीय वैभाविक चिह्नों से
सर्वथा वर्जित है
तथा जिनके दिव्य वचनो से लोक मे धर्म-तीर्थ का प्रवर्तन होता है
ऐसे गणधर इन्द्र एव अनेकात मूर्ति सरस्वती द्वारा स्तुत्य
परमात्मा
श्री महावीर स्वामी
पुनीत चरणों मे
हमारा
कोटि-कोटि नमन परम-पुनीत पच्चीस वें शतक पर भाव-भीनी विनयाञ्जलि
अर्पयिता - चौधरी शीलचंद अनिल कुमार जैन
चौधरी कटफीम वस्त्र भडार नानकवार्ड खुरई (सागर) म. प्र.