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जिन्होने हिंसा एव पाखड का नागव्य समाप्त करके
प्रेम और अहिंसा का मुखद गमीर बहाया
तथा
परम आत्म कल्याणक मूल्यों को जीवन में
प्रयोगात्मक रूप दिया
महाप्रयाणी वीतराग जिनवर दिव्यज्योति स्वरूप
विश्व प्रेरक महाश्रमण
भ० महावीर स्वामी के
पादारविन्दों मे भावसून गुम्फित श्रद्धा-सुमन
अर्पित है परम-पुनीत पच्चीस वें गतक पर भाव-भीनी विनयाञ्जलि
अर्पयिता - क्षुद्र श्रावक फतेचन्द जैन सराफ शमसावाद (आगरा) उ प्र