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अग्निकुमार देवों के मुकुटो की अग्नि द्वार
अन्तिम संस्कार
अग्निकुमार देव नत मुकुटो द्वारा प्रकटित हुई कृशानु । उसके द्वारा दग्ध हुए उनके कर्पूरी तन परमानु । रत्न-वृष्टि करके देवो ने पावापुर जगमगा दिया। कार्तिक कृष्ण अमावस निशि का मोह महातम भगा दिया ।
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