________________
परमज्योति महावीरश्री को केवलज्ञान की प्राप्ति
Q
This
तुल
प्रकृति त्रिरेसठ कर्म घातिया किये नष्ट अरिहत हुये । तैकालिक त्रैलोक्य विलोकी वे केवल भगवत हुये || ऋजुकूला सरिता के तट पर महावीर सर्वज्ञ घने । बैसारवी शुक्ला दसमी को देवोत्सव भी हुये घने ॥
( १३० )