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गो-पालक का आक्रोश- वीर प्रभू की सहिष्णुता
श्वेताम्बर शास्त्रों से आधारित
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सीप गया वह पशु गण अपने महावीर को चरवाहा था । आकर वापिस ले लूंगा मैं उसने ऐसा ही चाहा था || किन्तु मौन ध्यानस्थ वीर को इन वातो से था क्या मतलब | अत दुष्ट ने कर्ण युगल में कीला ठोक दिया ही था तव ॥
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