________________
विश्वनन्दी द्वारा वैसाखनन्द पर वृक्ष प्रहार
J
स्वर्ग सुखो से च्युत होकर सुर, हुआ विश्वनदी युवराज । उसका शत्रु चचेरा भाई था वैशाखनद शिरताज ॥ उद्धत हो वैशाखनद ने, उपवन पर अधिकार किया । वृक्ष उखाड विश्वनदी ने उस पर अतः प्रहार किया ||
1
(७८)