________________
ब्रह्म स्वर्ग में भारद्वाज ब्राह्मण
बाल तपस्वी भारद्वाज ब्राह्मण
PH
"
o
पर
-
--
TOTrth
Amti
P
ETTPLETERESTAN
-
12
फल स्वरूप देवायु बाँध कर, स्वर्ग पाँचवे पहुँचे । मद कपायो बाल-तपस्वो, सुरगति मे ही पहुँचे ।। पुण्याश्रव को पुण्य वध को, जब तक सबर माना । नव तक मिथ्यात्वी जीवो ने, धर्म नही पहिचाना ॥
(६७)