________________
१५. तप कल्याणक
१६ केवल ज्ञान कल्याणक ऋजुकला नदी के तट पर
१७
प्रधान गणधर
गौतमादि ग्यारह
१८ प्रधान श्रोता
श्रावकोत्तमविम्वसार (श्रेणिक)
महाराज मगध सम्राट् मध्यमा पावानगर (विहार)
७१ वर्ष ४ माह २५ दिन
शक संवत् ६०५ वर्ष पूर्व, स्वाति नक्षत्र, भौमवार १५ अक्टूबर ५२७ ई० पू० हस्तिपाल राजा की उपस्थिति मे निप्पन्न
१६ निर्वाण स्थल
२०. आयुष्य प्रमाण २१
निर्वाण वेला
२२
निर्वाण कल्याणक
२३. दीपोत्सव
२४. प्रधान साध्वी
२५. दिव्य-ध्वनि
शाल वृक्ष के नीचे, वैशाख सुदी १०, उत्तर हस्ता नक्षत्र रविवार २६ अप्रैल ५५७ ई० पू०
२६ सिद्धान्त
रत्नदीप मय दिव्यालोक नागरिकों द्वारा सम्पन्न चन्दना सती ( त्रिशला जी की लघु भगिनी)
प्रथम देशना विपुलाचल राजगृह मे श्रावण कृष्णा प्रतिपदा (वीरशासन जयंती )
स्याद्वाद ( अनेकान्त ) परम अहिंसा अपरिग्रह आदि