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विषयानुक्रम। पहला सर्ग-'पुत्रोत्पत्ति' वर्णन । ..... .... दूसरा सर्ग-मुनिवदनाके लिए भक्तिपूर्वक गमनका वर्णन | १७ तृतीय सर्ग-मारीच विलपन' वर्णन । .... .... ३० चौथा सर्ग-'विश्वनंदी निदान' वर्णन। .... .... ४३ पांचवां सर्ग-'त्रिपिष्ट संभव' वर्णन | .... .... ५८ छठा सर्ग-'अश्वग्रीव सभा क्षोभ' वर्णन। .... सातवां सर्ग-सेना निवेशन' वर्णन । .... .... आठवाँ सर्ग-दिव्यायुधागमन' वर्णन। .... .... नववाँ सर्ग-त्रिपिष्ट विजय' वर्णन | .... .... दशां सर्ग-'बलदेव सिन्हि गमन' वर्णन। .... १३५ ग्यारहवाँ सर्ग-सिंहप्रायोपगमन' वर्णन। .... १४९ बारहवाँ मर्ग-कनकविनयकापिष्ट' वर्णन। .... १६१
तेरहवाँ मर्ग-'हरिपेण महाशुक्र गमन' वर्णन !.... १७२' • चौदहवाँ सर्ग-'प्रियमित्र चक्रवर्ति सम्भव' वर्णन। १८६
पंद्रहवाँ सर्ग-'सूर्यप्रभ संभव' वर्णन । .... ... १९४ सोलहवाँ सर्ग-नंदन पुप्पोत्तर विमान' वर्णन।.... २२८ सत्रहवाँ सर्ग-'भगवत् केवलज्ञानोत्पत्ति' वर्णन !.... २३७ अठारहवाँ सर्ग-'भगवनिर्वाणोपगमन' वर्णन ! .... २६०