SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 223
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 165 ACT VI 14-15 अपि च । साहसिकेनेति वदन्या देव्या विस्मृतप्रायं जगत्यन्यो ऽपि साहसिकः । मत्साहसे तु उत्पुथन धमनिस्फुटप्रसर्पन प्रत्ययक्षतजझीनिवृत्तपाद्यः । हर्षाश्रुप्रचुरमधुस्मितस्फुटश्री वक्ताजार्चितचरणः शिवः प्रमाणम् ॥१४॥ मन्दो । महाराअ' ओधारेहि किं पि अारिसी रअणा कस्स वि वलीमुहस्स हत्यप्फंसादो उवरि जेवा चिटुंनि ते महीहरा जलम्मि ति॥ 10 राव । सशिरःकम्पम्। इदं तदनंतीकार्य मौग्थ्यमबलानां यद् यावाणोऽपि प्लवन्त इति । देवि किं बहुनोक्तेन । श्रुतं मे जानाति "श्रुतिकविरथाज्ञां सहचरः स शच्या धैर्य चाशनिरथ यशोऽदस्त्रिभुवनम् । दा 1 विस्मृतंप्रायः B, E, K विस्मृतप्रायः कस्य for कस्स W only Sc, 1, faenata: corr. by rev. to 10 fa om E only. विस्मृतप्रायं w. 1 हत्थप्पसादो B हथ्थप्पुंसादो E, K जगत्यन्योऽपि साहसिकः om. all but Bहत्यपंखदो Se हत्थपुणदो w हत्थपुसा. उत्पुष्प B, I, उत्पुष्य E, W, Sc, K | * श्रीवक्ता w, B श्रीर्वक्ता K, E, | ___12 जेब E, W, B जेब K, Se, I, Se, I, 13 चिट्ठन्ति B चिण्डि E चिट्ठन्दि • राय for "रात्र B only. जं add E only. K, W, Sc forefore Iz 6. विall Mss. 14 त्ति B, K, I, ति E, W, Sc. अखारिसी B, E, K अणारिसी w, 15 प्रति० for प्रती• K only. Sc अणा I. 16 बहुना for बहुनोतिन K only. रागा B राणी E रअणा K, I 17 जानाति मे for मे जानाति E only. W, Sc TWIT om. Ig 18 शिवगुरु for श्रुतिकवि• K only.
SR No.010406
Book TitleMahavira Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTodarmal Pandit
PublisherUniversity of Panjab Lahore
Publication Year1928
Total Pages407
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy