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श्रीमहा० चरित्रे
२ प्रस्तावः
॥ ८ ॥
दुन्नयपसत्थजण सिक्खणत्थमुवदंसिया जए जेणं । सिद्वजणरक्खणट्ठा सामाइ चउविहा नीई ॥ १४ ॥ दारपरिग्गहसमए जस्स सुरिंदेण परमरिद्धीए । पुंखणगविहिसणाहो विवाहमहसवो विहिओ ॥ १५ ॥ वागरण छंदकहकव्त्रमग्गजोइसपमोक्खवहुविजा । लद्धा जेणुवहट्ठा पढमं चिय सुद्धबुद्धी ॥ १६ ॥ नियनियकम्मनिसेवण नियमेणं गुरुजणस्स नमणं च । जायकुलाण ववत्था जेण समत्था कया भुयणे ॥ १७॥ किं बहुणा जुत्ताजुत्तवत्थुविष्णाणसुण्णहियएसु । नीई अजवि विफुरइ जस्स कित्तिव्व सव्वगया ॥ १८ ॥
तस्स य गयतुरयपमुहरजंगपरिवुडस्स संसएस य ववत्थासु य कुलायारेसु य परोप्परविसंवाएसु य सयलजणपुच्छणिजस्स नंदा देवीए सुमंगलाए य समं विसयसुहमणुहवंतस्स वर्चति वासरा, अण्णया य सुमंगलाए देवीए भरहो वंभी य मिहुणगं जायं, तहा सुनंदाएऽवि देवीए बाहुवली सुंदरी य जुवलयं जायं, एवं वर्चतंमि काले पुणोऽवि सुमंगला देवी अण्णाणि एगुणपन्नासं पुत्तजुयलगाणि पसूया, ते य भरहप्पमुहा कुमारा वहुंति सरीरेण नीसेस कलाकलावकोसलेण य, एवं च निदंसिय सयलकला कुलव्ववत्थाएं सुहलोयवावारो उसभनरिसरो तेयासीपुब्बलक्खाई जाव परिपालिऊण गिहत्थपजायं अवलोइऊण परलोयमग्गाणुरूवधम्मवावार विरहियं भवपंकनिमज्ज माणं (जणं)मणे अचंतकरुणारसालिद्धबुद्धी तक्काल चलियासणागयसारस्सयपमुहलोगंतियतियससमहियमुच्छाहियचित्तवित्ती विणिवित्तभोगपिवासो भरहपमुहपुत्तसयसंविभत्तपरिचत्तवसुंधराभारो आसंवच्छरक गयवारिधारावरिसाभिर्णदियदी
ऋपगवालम
भरतादि
जन्म.
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