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REPREMIE
रे रे दुटुनराहिव! विलज निस्सत्त मा पलाइहिसि। सुयविसयतिक्खदुक्खाओ जेण मोएमि तं झति ॥ ९ ॥ रण्णा पढियं मा गज निष्फलं पहर रे तुमं पढमं । न कयाइवि अम्ह कुले पढमपहारो को रिउणो ॥१०॥ तत्तो विचित्त वग्गणसुनिउणकरणप्पयारकुसलेण । घोरसिवेणं रन्नो पवाहिया कत्तिया कंठे ॥ ११ ॥ रनावि तकखणं चिय दक्खत्तणओ इमस्स सत्थजुओ। हत्थो पहारसमए बद्धो नियवाहुबंधेण ॥ १२ ॥ भुयदंडनिविडपीडणविहडियदढपहरणंमि हत्यंमि । मुट्ठिप्पहारपहओ निवाडिओ सो धरणिवढे ॥ १३ ॥ दढमंततंतसिद्धीवि विहडिया तस्स तंमि समयंमि । विवरंमुहमि दइवे अहवा सबै विसंवयइ ॥ १४ ॥ अह वीसमिऊण खणं घोरसिवो फुरियवीरिओ सहसा । पारदो रन्ना सह जुज्झेउं बाहुजुज्झेणं ॥ १५ ॥ मल्लाण व खणमुट्ठीण पडणपरिवत्तणुवलणभीमो । सरहसहसंतभूओ अह जाओ समरसरंभो ॥ १६ ॥ निविडभुयदंडचंडिमसंपीडणविहडियंगवावारो । मुच्छानिमीलियच्छो अह निहओ सो महीवइणा ॥ १७ ॥ एत्यंतरमि तियसंगणाहिं वियसंतसुरहिकसमभरो । जयजयसहम्मीसो पम्मुको नरवइसिरमि ॥१८॥ हारद्वहारकंचीकलावमणिमउडमंडियसरीरा । रणज्झणिरमहुरनेउरखपूरियदसदिसाभागा ॥ १९ ॥ नवपारियायमंजरिसोरभरहसुम्मिलंतमसलकुला । धरियधवलायवत्ता तहागया देवया एका ॥ २० ॥ जुम् । तीए भणियं नरसिंघ ! निच्छियं तंसि चेव नरसिंघो । जेणेस महापावो खत्तियखयकारओ निहओ ॥ २१ ॥
RENIAHILIMSEKSammam