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________________ कर्मशाला परिकलन/24 शक्तियों की गुणा: यह वास्तविक क) 43x42x4 घातांक का जोड़ है और केवल तभी =43+2+1 संभव है जब आधार बराबर होते है। ___ख) (2.5)3x (2.5) =46 शक्तियों की भाग: यह घातांक का (2.5)3+5 = 2.58 ऋणात्मक है क) =1077:104-107-4-103 ख) = (1.25) : (1.25)? __= 1.259-7 = 1.252 संकेत सभी दशाओं में आधार एक जैसा होना चाहिए। मूल :-किसी संख्या का मूल एक बराबर गुणनखण्ड होता है, जो कि जब आपस में गुणा होते हैं, नई संख्या बनाते हैं। इस प्रकार किसी संख्या का मूल घात से विपरीत होता है। 16 के बराबर गुणनखण्ड 4 और 4 है (16 =4x4) इसलिए 4, 16 का मूल है। क्योंकि वहां पर दो बराबर गुणनखण्ड या मूल हैं, इन में से किसी एक को वर्गमूल कहेंगे । किसी संख्या का घनमूल तीन बराबर गुणनखण्ड होता है। उसी सख्या का चर्तुमल चार गुणनखण्डों का होता है, और इसी प्रकार अधिक मूल के लिए होता है। आमूल चिन्ह और मूल का सांकेतक : / यह चिह्न मूल को बताता हैं और इसको आमूल चिन्ह कहते हैं। एक छोटी आकृति जो कि मूल का संकेतक कहलाती है जो आमूल चिह्न को खोलने के लिये लगती है और किसी मूल को बताने के लिये प्रयोग होती है। इस प्रकार 3/64, 64 का घनमूल बताता है, छोटा 3 मूल का संकेतक है। वर्गमूल का संकेतक 2 है जो कि वहां से हटाया हुआ है और साधारणतया इसको ऐसे लिखेंगे /625, ऐसे नहीं लिखेंगे 24/6251 अधिक (ऊंचे) मूल ऐसे लिखे जायेंगे 41243, 7/128 अंकगणित द्वारा वर्ग मूल : उदाहरण: 1236.618 का मान दशमलव के तीन स्थान तक ज्ञात करना है। पहले संख्या लिख लेते हैं और दो आकृति के पीरियड में उनके जोड़े बना लेते हैं जो कि प्रत्येक दाईं ओर से शुरू होगा। (जोड़े बनाने के लिए दमशलव के बाद बाईं ओर से शुरू करते हैं) +-1→ क ख ग घ च 25) ज ग 303) झ घ 3068) 2 36.61 8000(1 5.382 1 । । । 135.1 । । 1 25+ ।। 1161 । । 9 09 ।। 2 52 80 | 2 45 44 73600 61524 12076 तीन स्थान तक उत्तर =15.382 ण च 30762)
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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