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________________ कर्मशाला परिकलन / 23 गुणनखण्ड: जब दो या अधिक संख्यायें आपस में गुणा होती है, संख्याओं को गुणनखण्ड है और परिणाम को घात कहते हैं। घात और मूल अध्याय 3 जब गुणनखण्ड एक जैसे हो, तो गुणनखण्ड को आधार कहते है और परिणाम को घात कहते हैं। | 2x4 × 8 = 64 1 गुणा गुणनखण्ड 4x4x4ml 64 गुणनखण्ड - आधार घात यदि आधार को गुणनखण्ड का दुगुना प्रयोग किया जाए, गुणा वर्ग है, यदि 3 बार किया जाए तो घन है। अगर आधार गुणनखण्ड के रूप में तीन से अधिक बार प्रयोग हो तो गुणा को चौथी घात कहते है पांचवी बात छटी पात और इसी प्रकार । 4X4 = 16, 16 वर्ग है 4 का 4x4X4 64 धन है 4 का 64 समय की संख्या ज्ञात करने के लिए आधार गुणनखण्ड के रूप में प्रयोग किया जाता है एक छोटी आकृति आधार के दांई और ऊपर स्थित होती हो जिस को घातांक कहते हैं। 4X4 को ऐसे लिखा जायेगा 42 (4 का वर्ग) = 16 4 × 4 × 4 = 64 या 48 (4 का घन) 4X4 × 4X4 - 256 या 44 (4 की शक्ति 4) दशमलव की अपनी शक्तियां होती हैं, जितनी शक्ति ज्यादा होगी उतना मान कम होगा 1 उदाहरणतः 0.22 या 0.2X0.2 = 0.04 जो कि 0.2 से कम है । घात की घात : जब कोई आधार किसी घातांक के साथ एक शक्ति तक बढ़ाया जाता है, दो घातांक आपस में गुणा होकर नया घातांक को बनाते हैं जो कि समय की संख्या को बताता है । आधार एक गुणनखण्ड के रूप में प्रयोग होता है । (43)443 x4 412 48 =
SR No.010393
Book TitleKarmashala Parikalan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGurubachansingh Narang
PublisherHariyana Sahitya Academy Chandigarh
Publication Year1987
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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