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स्वप्नों का फल |
स्वप्न में जो मनुष्य, सिंह, हाथी, घोड़ा, बैल और गाय के साथ अपने को रथ में बैठकर जाता देखे तो वो राजा होवे अर्थात् उसे राज्य प्राप्ती होवे.
जो मनुष्य स्वप्न में अपना घोड़ा, हाथी, वाहन, आसन, घर निवसन को चोरी जाता देखे तो उसे राज्य का भय अथवा शोक का कारण अथवा बन्धुओं में क्लेश होवे.
जो मनुष्य स्वप्न में सूर्य चन्द्र का वि आखाही निगल जाये तो वो गरीव होगा तो भी सुवर्ण से भरी समुद्र पर्यन्त पृथ्वी का स्वामी होवे स्वप्न में यदि शस्त्र, मणि, माणिक, मोती, चांदी, तांबा की चोरी देखे तो उस मनुष्य कां धन, मान की हानी होवे और बहुत दुःख भोगना पड़े.
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स्वप्न में सफेद हाथी पर चढ़कर नदी के किनारे जाकर चावल का भोजन करे तो वो मनुष्य दीन होने पर भी धर्मात्मा होकर राज्य लक्ष्मी का भोग करे. ear में यदि अपनी स्त्री ( भार्या ) का हरण देखे तो द्रव्यों का नाश होवे, और स्त्री का परिभव अर्थात अपमान देखे तो क्लेश होव और यदि गोत्र की स्त्री का हरण देखे तो बंधुओं को वध बंधन की पीड़ा होवे.
स्वप्न में यदि दक्षिण हाथ को भूरे सर्प से काटा देखे तो उस मनुष्य को ५ रात्रि में १००० सुवर्ण मुद्रा की प्राप्ति होवे.
स्त्रम में जो पुरुष अपने जूते शयन चुराते देखे तो उसकी स्त्री की मृत्यु हो और उसके खुद के शरीर में बहुत पीड़ा हो.
स्वम में यदि प्रभु की प्रतिमा का दर्शन पूजन करे तो सर्व संपदा की राद्ध होवे.
स्वप्न में सफेद वस्तु देखे तो अच्छा और यदि काली देखे तो बुरा फल मिले परन्तु कपास, रुई, नमक सफेद होने पर भी यदि स्वप्न में दिखाई दें तो बुरा फल मिले और गाय, घोड़ा, हाथी और देव ये यदि काले रंग के भी दिखे तो उत्तम फलदाई हो.
स्वम में यदि अपने ताई युग वा उत्तम हुवा देखे तो खुद को दूसरे को देखे तो दूसरे को फल मिलता है.