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(८८) लम्बी २ फूलों की माला लटका कर नगर का शोभायमान बनाया और पृथ्वी पर पांच वर्ष के फूलों के ढेर लगाओ. अगर, कुंदरू, तुम्ष्क, इत्यादि वस्तुओं के मुगन्धी धूपों से नगर मघमघाघमान मुगन्धी बनायो श्रेष्ठ सुगन्ध के चूर्णो से सुगंधित कगे अर्थात् नगर में ऐसी सुगन्ध आने लगे जैसे नगर सुगन्ध की बड़ी ही है.
खेल का वर्णन. नाच कराने वाले, नाच करने वाले, डोरी उपर खेल करने वाले, मलयुद्ध मुष्टि युद्ध करने वाले, विदुपकों (मश्करों ) कूदने वाले, तिरने वाले, कय रसिक वार्ता कहने वाले, रास लीला करने वाले, कोटवाल (
) नट, चित्रपट हाथ में रखकर भिक्षा मांगने वाले, तुणा बजाने वाले, वीणा घजाने वाले, ताली पाडने वाले. ऐसे अनेक प्रकार का रमत गमत से क्षत्रिय कुण्ड नगर को आनंदिन करो, कराओ और यह कार्य कराकर हल, मूसल, हजारों की संख्या में चलते हैं के बन्ध कराओ अर्यात् उनका कार्य निषेध करा कर शांति दो ( उसकी त्रुटी राना में पूरी होमी) एसी मेरी आत्रा है वैसा करके शीघ्र मुझे खबर दो.
तएणं ते कोडुवियपुरिसा सिद्धत्थेणं रण्णा एवंवुत्ता समाणा हट्ठा जाव हिअया करयल-जाव-एडिसुणित्ता सिप्पामेव कुंडपुरे नगरे चारगमोहणं जाव उस्सवित्ता जेणेव सिद्धस्थे राया ( खत्तिए) तेणेव उवागच्छंति,उवगच्छित्ता करयल
जाव कटु सिद्धत्यस्सरगणोएयमाणत्तियं पञ्चपिएंति ।।१००॥ ___उस समय सब बात मुनकर वे पुरुषों नी सिद्धार्थ राजा की आज्ञा शिर पर चहा कर हप से सन्तुष्ट होकर सब जगह जाकर जैसा राजा ने कहा था वैसा करा कर सिद्धार्थ राजा के पास आकर सिद्धार्थ राजा को सब बात सुनाई।
तगणं से सिद्धत्थे राया जेणेव अट्टणसाला तेणेव उवाग. न्छइ रचा जाव मवोरोदेणं सव्वपुष्पगंधवत्थमल्लालंकारविभू