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स्व० पुण्यश्लोका माता मूर्तिदेवीकी पवित्र स्मृतिमें तत्सुपुत्र माह शान्तिप्रसादजी द्वारा
संस्थापित भारतीय ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन-ग्रन्थमाला
संस्कृत ग्रन्थाङ्क १८
इस ग्रन्थमालामें प्राकृत, संस्कृत, अपभ्रंश, हिन्दी, कन्नड, तामिल आदि प्राचीन भाषाओं में उपलब्ध आगमिक, दार्शनिक, पौराणिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक आदि विविध विषयक जैन साहित्यका अनुसन्धानपूर्ण सम्पादन और उसका मूल और यथासम्भव अनुवाद आदिके साथ प्रकाशन होगा। जैन भण्डारोंकी सूचियाँ, शिलालेख-संग्रह, विशिष्ट विद्वानोंके अध्ययन-ग्रन्थ और लोकहितकारी जैन-साहित्य ग्रन्थ भी इसी
ग्रन्थमालामें प्रकाशित होंगे।
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ग्रन्धमाला सम्पादक डॉ. हीरालाल जैन,
एम० ए०, डी० लिट. डॉ. आदिनाथ नेमिनाथ उपाध्ये,
एम० ए०, डी० लिट.
प्रकाशक अयोध्याप्रसाद गोयलीय
मन्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ दुर्गाकुण्ड रोड, वाराणसी
मुद्रक बाबूलाल जैन फागुल्ल, सन्मति मुद्रणालय, दुर्गाकुण्ड रोड, वाराणसी
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स्थापनाब्द
विक्रम सं०२०००
फाल्गुन कृष्ण वीर नि०२४५०
सर्वाधिकार सुरक्षित
१८ फरवरी सन् १६४४