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मैयद्योतिका टोका मं. ३ उ. ३ सूं. ५० ज्योतिष्कदेवानां विमानादिकर
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प्रज्ञप्ताः - कथिता इति पर्षत्संख्ण विषयकः प्रश्नः भगवानाह - 'शोयमा' इत्यादि, 'गोयमा !' हे गौतम ! ' तिन्नि परिसाओ पन्नत्ताओ' तिस्रः त्रिसंख्यकाः पर्पदः प्रज्ञप्ता = कथिता इति । 'तं जहा ' तद्यथा- 'तुंबा तृडिया पेच्चा' तुम्बा त्रुटिता प्रेत्या, तत्र - ' अमितरिया तुंबा' आभ्यन्तरिका तुम्ब', 'मझिमिया तुडिया' माध्यमिका त्रुटिता, 'बाहिरिया पेच्चा' वाह्य प्रेत्या 'सेसं जहा बाळस परिमाणं ठिई वि' शेषं यथा कालस्य परिमाणं परिषत्त्रयस्थि देवदेवीनां सख्यापरिमाणं तथा तत्रस्थ देवदेवीनां स्थितिरपि तथैव वाच्या, 'अट्टो जहा चमरस्त' अर्थो यथा चमरस्य अर्थः ' से केण द्वेणं' इत्यादि रूपोऽर्थश्वमरवदत्रावि वाच्यः पर्षदःअभ्यन्तरिकादि नामकरणे यो हेतुः प्रदर्शितश्वमरेन्द्र प्रकरणे तथेहापि ज्ञातव्यः । 'चंदस्स वि एवं चेव' चन्द्रस्यापि एवमेव सूर्यस्य पर्षदादिकं यथा कथितं तथा चन्द्रस्यापि तथैव ज्ञातव्यमिति ॥ ०५० ॥
के उत्तर में प्रभुश्री कहते हैं- 'गोधमा ! लिणि परिक्षाओं पण्णत्ताओ' हे गौतम ज्योतिषेन्द्र ज्योतिषराज सूर्य की तीन परिषदाएं कही गई है । 'तं जहा ' जो इस प्रकार से है- 'तुवा, तुडिया, पेच्चा' तुम्बा, त्रुटिता, और प्रेस्था, इन में 'अभितरिया तुषा, मज्झमिया तुडिया बाहिरिया पेच्चा' तुम्बा नामकी परिषदा आभ्यन्तर परिषदा कहो गई है त्रुटिता नाम की परिषदा मध्यमिका परिषदा कही गई है । और प्रेत्यानाम की परिषदा बाह्य परिषदा कही गई । 'सेलं जहा कालस्स परिमाणं ठिर्ह वि' जिस प्रकार से काल की सभा के देवों का एवं देवियों का परि माण- संख्या और उनको स्थितिका कथन किया गया है । वैसा ही यहां समझ लेना चाहिए 'अट्ठो जहा चमरस्त' चमर के प्रकरण में इन सभाओं के नाम होने में हेतु प्रदर्शित किया गया है वही सब कथन
'गोयमा ! तिणि परिखाओ पण्णत्ताओ' हे गौतम! ज्यातिषेन्द्र ज्योतिष रान सूर्यानी त्रष्ह्यु परिषहाओ। उस छे. 'त जहा' ते या प्रमाये है. 'तुबा, तुडिया, पेच्चा' तुम्मा, त्रुटिता भने प्रेत्या तेमां 'अभितरिया तुबा, मझमिया तुडिया बाहिरिया पेच्चा' तेमां तुमा परिषधाने माल्य तर परिषदा उस छे. ત્રુટિતા નામની પરિષદાને મધ્યમિકા પરિષદા કહી છે. અને પ્રેત્યા નામની परिषहाने माह्या परिषदा अडेल छे. 'सेन जहा कालस्स परिमाणं टिई वि' પ્રમાણે કાળની સભાના દેવા અને કેવિયેનું પરિમાણુ, સખ્યા અને તેઓની સ્થિતિનું કથન કરવામાં આવેલ છે, એજ પ્રમાણેનુ' કથન અહીયાં પણુ સમજી बेवु. 'अट्ठो जहा चमरस्स' यभरना अरशुभा या सलाभोना नाभी होवाना સબંધમાં કારા ખતાવેલ છે, એજ પ્રમાથેનુ' તમામ થન અહીયાં પદ્યુ