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________________ जीवाभिगमसूत्रे ईशानकल्पे ये देवपुरुषा स्ते असंख्येयगुणा अधिका भवन्ति एते सर्वे यथोत्तरमसख्यातगुणा इति। 'ईसाणे कप्पे देवत्थियाओ संखोज्जगुणाओ' ईशानकल्पदेवपुरुषापेक्षया ईशानकल्पदेवस्त्रियः सख्यातगुणा अधिका भवन्ति द्वात्रिंशद्गुणत्वात् 'सोधम्मे कप्पे देवपुरिसा संखोज्जगुणा ईशानदेव्यपेक्षया सौधर्मकल्पदेवपुरुषाः संख्यातगुणा अधिका भवन्ति द्वात्रिंशत्गुणत्वात् 'सोहम्मे कप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ' सौधर्मदेवपुरुषापेक्षया सौधर्मकल्पदेवस्त्रियः संख्येयगुणा भवन्ति द्वात्रिंगद्गुणन्वात् "भवणवासिदेवपुरिसा असोज्जगुणा' सौधर्मकल्पदेव्यपेक्षया भवनवासिदेवपुरुषा असख्यातगुणाधिका भवन्तीति । 'भवणवासिदेवत्थियाओ संखेज्जगुणाओ' भवन वासिदेवस्त्रिया संख्येयगुणाधिका भवन्ति द्वात्रियद्गुणत्वात् "इमीसे रयणप्पभा पुढवीए गेहइया असंखेज्जगुणा' भवनवासिदेव्यपेक्षया एतस्यां रत्नप्रभापृथिव्यां नैरयिकनपुंसका असख्येयगुणा धिका भवन्तीति “वानमंतरदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा' रत्नप्रभापृथिवीनारकनपुंसकापेक्षया वान अपेक्षा ईशान कल्प मे जो देवपुरुष है वे असख्यात गुणे अधिक है यहां पर्यन्त असख्यातगुणे कहे है । 'ईसाणे कप्पे देवित्थयाओ सखेज्जगुणाओ' ईशानकल्प के देव गुरुपो की अपेक्षा इशान कल्प में देवस्त्रियां सख्यात गुणी अधिक है। क्योकि देवों की अपेक्षा देवस्त्रियों का प्रमाण बत्तीस गुना अधिक कहा गया है । “सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा' इशानकल्प की देवस्त्रियों की अपेक्षा सौधर्मकल्प के देवपुरुष सख्यातगुणे अधिक हैं । “सोहम्मे कप्पे देवित्थियाओ संखज्जगुणाओ” सौधर्मकल्प के देवपुरुपो की अपेक्षा सौधर्म कल्प में देव स्त्रियां सख्यात गुणी अधिक है 'भवणवासि देवपुरिसा असंखेज्जगुणा' सौधर्मकल्पकी देवियो की अपेक्षा भवनवासि देवपुरुप असख्यात गुणे अधिक है । 'भवनवासि वेवित्थियाओ संखज्जगुणाओ' भवनवासी देवों की अपेक्षा भवनवासि देवस्त्रियां संख्यात गुणी अधिक है। इमीसे रयणप्पभापुढवीए णेरड्या असंखेज्जगुणा" भवनवासि देवियो की अपेक्षा इस रत्नप्रभा पृथिवीके जो नैरयिकनपुंसक है वे असख्यात गुणे अधिक है “वाणमंतर देवपुरिसा असंखेज्जगुणा' પૃથ્વીને નરયિક નપુંસકે કરતાં ઈશાન કલ્પના દેવપુરૂષ અસંખ્યાતગણું વધારે છેઆ કથને पर्यन्त मसभ्यातायानु ४थनयु छ. "ईसाणे कप्पे देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ" शान૯૫ના દેવપુરૂ કરતા ઈશાનક૯પની દેવસ્ત્રિ-દેવીયા સ ખ્યાતગણી વધારે છે કેમકે–દેવો કરતા हेवीयानु प्रभाएर मत्रीस आधारे डस छे “सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा" शान ४८५नी पीये। ४२तां सौधर्म ४८५ना हेवपुषः स च्यात पधारे छ सोहम्मे कप्पे देवि'त्थियाओ संखेज्जगुणाओ' सौधर्म ४८५ना हेव५३षो ४२di सौवभ६५नी हेवस्त्रिया-हेवायो सध्यातगणी पधारे छ ‘भवणवासिदेवपुरिसा असं खेज्जगुणा" सौधर्म ८५नी विय। ४२di सनवासी १५३५। असण्यातमा धारे छ. “भवणवासि देवित्थियाओ सखेज्ज गुणाओ" सपनवासी ४२di सपनवासी देवानी स्त्रिया--हेवीच्या सध्यातगणी वधारे छे.
SR No.010388
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages693
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size44 MB
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