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________________ प्रमेयद्योतिका टीका प्र० २ सू०२० विशेषतस्तिर्यगादिसबन्धिषष्ठमल्पबहुत्वम् ६०३ न्द्रियतिर्यग्योनिकनपुंसकाः संख्येयगुणा अधिका भवन्ति, 'चउरिदियतिरिक्खजोणियण पुंसगा विसेसाहिया' जलचरपञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकनपुंसकापेक्षया चतुरिन्द्रियतर्यग्योनिकनपुसका विशेपाधिका भवन्तीति । ' ते इंदियणपुंसगा विसेसाहिया' 'चतुरिन्द्रियनपुंसकापेक्षया त्रीन्द्रियतिर्यग्योनिकनपुंसका, विशेषाधिका भवन्तीति । ' वेइंदियणपुंसगा विसेसाहिया' त्रीन्द्रियनपुंसकापेक्षया द्वीन्द्रियनपुंसका विशेषाधिका भवन्तीति । 'तेक्का इयएगिं दियति रिक्खजोणियण पुंसगा असंखेज्जगुणा' द्वीन्द्रियनपुंसकापेक्षया तेजस्कायिकै केन्द्रिय तिर्यग्योनिकनपुंसका असंख्ये यगुणा अधिका भवन्तीति । 'पुढवीकाइयए गिंदियति रिक्खजोणियण पुंसगा विसेसाहिया' तेजस्कायिकनपुंसकापेक्षया पृथिवीकायिकै केन्द्रिय तिर्यग्योनिकनपुसका विशेषाधिका भवन्तीति । 'आउक्काइयएगिंदियतिरिक्खजोणिय पुंणसगा विसेसाहिया' पृथिवी कायिकनपुंसकापेक्षया अप्कायिकै केन्द्रियतिर्यग्योनिकनपुंसका विशेषाधिका भवन्ति इति । 'वाउक्काइय एर्गिदियदियतिरिक्खजोणियन पुंसगा संखेज्जगुणा' स्थलचर नपुंसको की अपेक्षा जलचर पंचेन्द्रियतिर्यग्योनिक नपुंसक संख्यातगुणे अधिक होते हैं । " चउरिदियतिरिक्खजोणियनपुंसगा विसेसाहिया " जलचर नपुंसकों की अपेक्षा चौइन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुंसक विशेषाधिक हैं । "तेईदियण पुंसगा विसेसाहिया” चौइन्द्रियनपुंसको की अपेक्षा तेइन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुंसक विशेषाधिक हैं । 'बेइंदियणपुंसगा विसेसाहिया" तेइन्द्रियनपुंसको की अपेक्षा हीन्द्रयनपुंसक विशेषाधिक हैं । " तेउक्काइयएर्गिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा असंखेज्जगुणा' द्वीन्द्रिय नपुंसको की अपेक्षा तेजस्कायिक एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुंसक असंख्यात गुणे अधिक हैं । “पुढवीकाइयएगिंदियतिरिक्खजोणियण पुंसगा विसेसाहिया " पृथिवीकायिक एकेन्द्रियतिर्यग्योनिक नपुंसक तेजस्कायिकनपुंसको की अपेक्षा विशेषाधिक है । " आउक्काइय एगिंदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा विसेसाहिया"" पृथिवीकायिक नपुंसको की अपेक्षा अप्कायिक एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिक नपुंसक विशेषाधिक है । " वाउक्काइए गिंदियतिरिक्खजोणियणસકા કરતા જલચર પંચેન્દ્રિય તિય ચૈાનિક નપુંસકેસ ખ્યાત ગણુા વધારે હાય છે, "चउरिदियति रिक्खजोणियनपुं सगा विसेसाहिया " જલચર નપુંસકા કરતાં ચાર इंद्रियवाणा तिर्यग्योनि नपुंस। विशेषाधि छे, "ते इंदियणपुंसगा विसेसाहिया " ચાર ઇંદ્રિયવાળા તિયૈનિક નપુસકા કરતા ત્રણ ઇન્દ્રિય વાળા નપુસકો વિશેષાધિક છે "बे इंदियणपुंसगा विसेसाहिया” ઈંદ્રિયવાળા નપુ સર્કા કરતા श्रेष्ठ ंद्रिय वाजा नयु सहै! विशेषाधि छे. 'ते उक्काइय एगिंदियतिरिक्खजोणियण पुंसगा असंखेज्जगुणा” मे छद्रिय वाणा नपुंस । उरता तेस्माथि गोड छद्रिय वाणा तिर्यग्योनि નપુંસકો અસંખ્યાત ગણા वधारे छे. "पुढवीकाइयएर्गिदियतिरिक्खजोणियणपुंसगा विसेसाहिया" पृथ्वी अयि मे द्रियवाजा तिर्यग्योनि नपुंस। तेनायि नयु स ४२ता विशेषाधिछे “आउक्काइय एगिंदिय तिक्खिजोणियणपुंसगा विसेसाहिया" पृथ्वीકાયિક નપુ ંસકે। કરતા કાયિક એક ઇન્દ્રિય વાળા તિર્યંચૈાનિક નપુસકે વિશેષા
SR No.010388
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1971
Total Pages693
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size44 MB
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