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* श्रीसम्मेद शिखरमाहात्म्य *
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हुए हैं, दर्शन करनेका फल एक करोड़ उपवास करनेके बराबर है, चौदहवें शान्तिप्रभ कूटसे श्रीशांतिनाथ तीर्थंकर नौ सौ मुनिसहित मुक्तिधामको गये हैं, तथा इसी कृटसे नौ सौ कोड़ाकोड़ी छयानवे करोड़ बत्तीस लाख छयानवें हजार सात सौ बियालीस मुनियोंने और भी पंचमगति पाई है। इसके दर्शन करने का फल एक करोड़ उपवास करनेके बराबर है । पन्द्रहवें ज्ञानघर से कुंथुनाथ तीर्थंकर हजार मुनिसहित मोक्ष पधारे हैं। तथा छयानवे कोड़ाकोड़ी छयानवे करोड़ बत्तीसलाख छयानवे हजार सात सौ व्यालीस मुनि और भी मोक्षधामको गये है। दर्शनकरनेका फल एक करोड़ उपवास करनेके बराबर है । सोलहवें नाटक कूटसे अरनाथ तीर्थंकर हजार मुनिसहित मोक्ष गये हैं, तथा निन्यानवे करोड़ निन्यानवे लाख निन्यानवे हजार मुनियोंने और भी मुक्ति लक्ष्मी प्राप्त की है। इस कूटके दर्शन करनेका फल छ्यानवे करोड़ उपवास करनेके बराबर है। सत्रहवें संवलकटसे श्रीमल्लिनाथ तीर्थंकर पांच सौ मुनियोंके सहित मुक्ति गये हैं । तथा छ्यानवें करोड़ मुनि और भी वहां से परमपदको प्राप्त हुए हैं। एक करोड़ उपवास करनेके बराबर है, कूटसे मुनिसुव्रतनाथ तीर्थंकर हजार मुनि सहित मुक्त हुए हैं तथा निन्यानवं कोड़ाकोड़ी, सत्तानवे करोड़ नो लाख नौ सौ निन्यावे मुनि और भी वहां से मुक्त धामको गये हैं । इस टोंक के दर्शनका फल एक करोड उपवास करनेके समान है । उन्नीसवें
इसका दर्शन करना अठारहवें निर्जर