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[ ३ ] ३८ विमलनाथ गोतम् '३ मेरु मन मोह्य प्रभु की मूरतीया । २६ ३६ अनतनाथ गीतम् ३ वाल्हा थारा मुखड़ा ऊपरि वारी २६ ४० धर्मनाथ गीतम् । ३ भजि भजि रे मन पनरम जिनद २७ ४१ शान्तिनाथ गीतम् ३ प्यारु पेमकु.मेरउ साहिब हे सिरताज २७ ४२ कुथुनाथ गीतम् ३नानी विण किण आगइ कहिय २८ ४३ अरनाथ गीतम् ३ अर जिन नायक सामि हमारउ २६ ४४ मल्लिनाथ गीतम् । मल्लि जिणंद सदा नमिय २६ ४५ मुनिसुव्रत गीतम् ३ आज सफल दिन भयउ सखीरी ४६ नमिनाथ गीतम् । ३ नमि जिनवर नमीये चितलाई ३० ४७ नेमिनाथ तीतम् ३ नेमि जिन यादव कुं कुल तायु ३१ ४८ पार्श्वनाथ गीतम् । ३ मान तजि मेरे प्राणी, वेर २ कहुं वाणी ३२ ४६ महावीर गीतम् ३ मइ जाण्यु नहीं, भव दुख औसो रे होइ ३२ ५० कलश
३ जिनवर चउवीसे गाए
7 . . ( स० १७३८ फा० व० १ रचित) ३ विहरमान वीशी (१) ५१ सीमधर स्तवन ३७ पुंडरीकणी नगरी वखाणीयइ ५२ युगमधर स्त० - ६ हीयर्ड मिलिवा रे प्रभुजी ५३ वाहुजिन
स्त ८ रामति रमवा हुं गई .... ५४ सुबाहु जिन स्तवन ६ चउथा रे विहरमाण विहरता रे... ३६ ५५ सुजात जिन स्तवन ८ आपणा सेवकनइ सुख दीजइ कि ४० ५६ स्वयंप्रभ स्तवन ७ हारेलाल छठा स्वयप्रभु स्वामि जी रे ४२ ५७ ऋपभानन स्तवन ६ ऋषभानन जिन सातमउ गुण प्रभुजीरे४४
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