________________
फलौधी पार्श्वनाथ स्तवन गुण ताहरा हियडै वस्या, लाग्यो गाने अमोल रे । सा० लै लागी तुझ नाम सं, हिवे मिल अन्तर खोल रे ॥४॥ सा० सिद्ध कि सति नै नम्यां, जे न करै उपगार रे । सा० निगुण निहेजां कीजिये, ऊभा ऊम जुहार रे ॥५॥ सा० प्रारथीया पहिड़ नही, तिण सुं कीजै प्रीत रे । सा० प्राण सनेही ओलख्यौ, सा० तहिज अविहड़ मीत रे ॥६॥सा० कामणगारा पास जी, सा० सूरत अजब दिखाइ रे । सा०. तैं मन मोह्यौ मांहरौ, दीठां अधिक सुहाय रे ॥७॥ सा० देखं त्युं मन ऊलस्यै, प्रीतम प्रांण आधार रे । सा० कहे जिनहरख सदा हुज्यो रे, भव भव तुझ दीदार रे ॥८॥सा०
इति पार्श्वनाथ स्तवनं
फलौधी पार्श्वनाथ स्तवन
___ ढाल-सदा सुहागण आज सफल दिन मांहरो रे, भेट्यो जिनवर पास रे लाल रफलवधि नायक गुणनिलौ, पूरै वंछित आस रे ॥१॥ मेरो रंग लागो जिन नाम सुं, ज्यु पट चोल मजीठ रे लाल आं०1 अपराधी तें ऊधस्या, आगे ही नर कोड़ रे लाल एह सुजस सुण आवीयो, भव..........॥२॥
(अपूर्ण)