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पार्श्वनाथ स्तवन
श्र पार्श्वनाथ स्तवन
ढाल || भटियाणी ना गीतनी ||
आज सफल अवतार, दरसणीयउ मह दीठउ हो
साहिवीया नयणे ताहरउ ।
अलवेसर अवधारि, भव भव ना महं कीधा हो सा० पातक आप हरउ १ तूं साहिब हूं दास, आपणडड़ ए सगपण हो सा० निश्चल होइज्यो । जीभड़ीए जसवास, ताहरउ नइ हुं गाउं हो सा० सुनजर जोइज्यो ॥२॥ वाल्हेसर तुझ नाम, माहरड़ नइ ए नीमी हो सा० हीयडा मां वस ।। तुझ सुं माहरइ काम, हीयड़उ नड़ हेजालु हो सा० मिलिवा ऊलस । ३ मनमान्यउ तूं मीत, माहरी तुझसुं लागी हो सा० अबिहड़ प्रीतड़ी चरणे लागउ चीत, ताहरान गुण गातां हो सा० मुझ सफली घड़ी ४ दीठां आवइ दाय, मिलियां नइ सहु भागड़ हो सा० मन ना आमला दुख दोहग सहु जाइ, नाम तणइ बलिहारी हो सा० जाउं सामला | ५ | मत मूंकउ वीसारि, किणि इक आव्यइ अवसर हो सा० मुझ संभारिज्यो करिज्यो प्रभु उपगार,एतलउ नइ हूं मागं हो सा० हीयड़इ धारिज्यो६ सीस धरूं तुझ आण, बीजा तउ किणिहीन होसा० पास नमुं नही कहइ जिनहरख सुजाण, माहरइनइचितताहरीहोसा०सेव हुज्यो सही ७ पंचासरा पार्श्वनाथ स्तवन
ढाल || कपूर हुइ अति ऊजलउ रे || एहनी
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पाटण पास पंचासरउ, दीठां दउलति थाइ ।
पातक भव पूरव तणा रे, जपतां दूरि पुलाय रे ॥ १ ॥