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जिन सिद्धान्त
____ उत्तर–२६ प्रकृति हैं-ज्ञानावरण४,(मतिज्ञानावरण, श्रुतज्ञानावरण. अवधिज्ञानावरण, मनःपर्ययज्ञानाचरण), दर्शनावरण ३, (चक्षुदर्शनावरण, अचनुदर्शनावरण, अवधिदर्शनावरण), मोहनीय की १४ (संज्वलन कषाय४, हास्यादि नो कपाय है, सम्यक्त्व १), अन्तराय ५ (लाभान्तराय, दानान्तराय, भोगान्तराय, उपभोगान्तराय, वीर्यान्तराय)।
प्रश्न—जीव विपाकी कर्म किसे कहते हैं ?
उत्तर-जिसका फल जीव को मिले उसे जीव विपाकी कर्म कहते हैं। ____ प्रश्न--जीव विपाकी कर्म की प्रकृति कितनी व कौन कौन सी हैं ?
उत्तर--जीव विपाकी की ७८ प्रकृति हैं, घातिया कर्म की ४७, गोत्र कर्म की २, वेदनीय कर्म की २, नाम कर्म की २७ [(१) तीर्थंकर प्रकृति, (२) उच्छ वास, (३) वादर, (४) सूक्ष्म, (५) पर्याप्ति, (६) अपर्याप्ति, (७) सुस्वर, (८) दुःस्वर, (6) प्रादेय, (१०) अनादेय,
(११) यश कीर्ति, (१२) अयश कीर्ति, (१३) त्रस, ..(१४) स्थावर, (१५) प्रशस्त विहायोगति,(१६) अप्रशस्त
विहायोगति, (१७) सुभग, (१८) दुर्भग, (१६-२२) गति