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जिन सिद्धान्त
प्रश्न-छठे गुणस्थान में बंध कितनी प्रकृतियों का होता है ?
उत्तर-पांचवें गुणस्थान में जो ६७ प्रकृतियों का बंध होता था उनमें से प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया, लोग इन चार व्युच्छिन्न प्रकृतियों को घटाने पर ६३ प्रकृतियों का बंध होता है। ___ प्रश्न—छट्टे गुणस्थान में उदय कितनी प्रकृतियों का होता है ? ____ उत्तर–पांचवें गुणस्थान में ८७ प्रकृतियों का उदय
था उनमें से प्रत्याख्यानावरण क्रोध, मान, माया लोभ, तिर्यंचगति, नियंचायु, उद्योत और नीच गोत्र इन आठ व्युच्छिन्न प्रकृति के घटाने पर ७६ प्रकृति रहीं उनमें अहारक शरीर और अहारक अंगोपाग इन दो प्रकृतियों के मिलाने से ८१ प्रकृतियों का उदय होता है।
प्रश्न-छडे गुणस्थान में सत्ता कितनी प्रकृतियों की है ?
उत्तर-पांचवे गुणस्थान में १४७ प्रकृतियों की सत्ता कही है उनमें से व्युच्छिन्न प्रकृति एक, तिथंच आयु के घटाने पर १४६ प्रकृतियों की सत्ता रहती है परन्तु सायिक सम्यग्दृष्टि के १३६ प्रकृति की सत्ता है।
प्रश्न-अप्रमत्तविरत नाम के सातवें गुणस्थान का स्वरूप क्या है?