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इस पर्वतसे उत्तरके नीचे खेराडी आवे ॥ ५ ॥ खेराडीसे टिकट अजमेरका तथा जयपुरका लेवे ॥४ए ॥ जयपुरसे टिकट दिल्लीका तथा आगरे आदि अपने अपने नगरके प्रति जानेका लेवे ॥५०॥ जो ये ऊपर लिखी दोनों भागकी यात्रा हैं इन सि वाय जो वाकी रही यात्रा ॥ सिद्ध क्षेत्रोंकी तथा नगवानके जन्मनगरियोंके विकाने मालुम नहीं है सो किसी जैनी नाइयोंको मालुम होय तो सर्व देशमें इनके ठिकाने जरूर लिख भेजे ॥ यात्राके नाम लिखते है । पावागिरिक शिखर निकट सुवर्ण नद्रादिक चार मुनि मुक्त नये हैं ॥ १ ॥ चेलना नदीके अनन्नाग विषय मुनि मुक्त नये हैं ॥ २॥ कलिंग देशमें कोट शिला है जहांपर राजा दशरथके पाँचसौ पुत्रोंको आदि लेके कोटि मुनि मुक्त नये हैं ॥३॥ रेवानदीके दोनों तटके विषय रावण राजाके बेटोंको आदि लेकर साडेपाँच हजार मुनि मुक्त नये हैं ॥ ४ ॥ और द्रोणीमती बिषय ॥ ५ ॥ प्रवर कुंडल विषय ॥ ६ ॥ प्रवरमें ढक बिषय ॥ ७ ॥ वैज्ञार पर्वतके तल विषय ॥ ॥ वर सिद्धकूट विषय ॥ ए, श्रवणगिरि विषय ॥ १० ॥ विपुलाद्रि विषय ॥ ११ ॥ बलाह बिषय ॥ १२ ॥ विंध्याचल विषय ॥ १३ ॥