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(२६) राडीका लेवे तीस मील है ॥ रेलके नजीक धर्मशाला है वहां ठहरे इहांसे घोडा नाडे करे चार दिनका खानेका सामान लेवे पूजनकी सामग्री लेवे ॥ खेराडीसे चौदा मील आबूके पर्वत ऊपर देलवाडाकेपास जावे वहां दिगंबरके खेतंबरके मंदिरकेंपास धर्मशाला है वहां ठहरे इहां दिगंबर मंदिर दो हैं। खेतंबर मंदिर चार हैं ॥ इनमें एक मंदिरके दरवाजे ऊपर दिगंबरमति-' माहै सो खेतंबरमतिमाके शामिल हैं ॥ और पाँच प्रतिमा दिगंबर न्यारी हैं दूर अपरकी बाजूमें छोटी छतरी में विराजमान हैं ॥ और इहां खेतंबरके मंदिर सुपेद पत्थरके बने हैं उसके ऊपर कोरनीका काम बहुत उम्दा कीया है देखने लायक है असा काम कोरनीका किसी देशमें नहीं है ये पहाड सौ मीलके गिरदावसे जादा है । इहां हाजारों बंगले अंगरेजोंके हैं पचास मीलके फैलावके नीतर बने हैं बहुतसे व्यापरीयोंकी दुकाने हैं बजार लगे हैं देखने लायक रमनीक स्थान है ॥ इहांसे. छ मील ऊपर अचलगढ है वहां खेतंबरके मंदिर बड़े बड़े हैं इनमें पीतलकी प्रतिमा पद्मासन कायोत्सर्ग बड़ी बड़ी चौदा खेतंबरकी हैं चार पाँच ठिकाने न्यारी न्यारी रक्खी हैं पीतल बहुत अछा है ये नी स्थान देखनेलायक है ॥