________________
(३) गंजपंथ ५ कुंथलगिरि६पावागढ शत्रुजय गिरनार ए तारंगा १० ये दश सिद्धक्षेत्र नये ॥ अब अतिशय क्षेत्रोंके नाम लिखते हैं ॥ बनेडा १ भातकुली २ रामटेक ३ श्रवणबेलगुल ४ हलीबीड ५ एनूर ६ मोडबदरी ७ कारकल आबूगढ ए॥ अतिशय क्षेत्र उसको कहते हैं जहां हमेशा बारों महीने जात्री लोग आते जाते हैं। जो ये ऊपर लिखे सर्व यात्राके नाम तिनके जानेका रस्ता लिखते हैं। प्रथम दिल्ली से प्रारंन किया है। दिल्ली में मंदिर दिगंबरी बारा हैं । चैत्यालय ग्यारा हैं । अगरवाले श्रावकोंके अंदाज तेरासौ घर हैं ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके सतर घर हैं। मारवाडी अगरवालेश्रावकोंके दश घर हैं। दिल्ली सहर बहुत बड़ा है । एक लाखकै हजार घर हैं ॥ १ ॥ दिल्लीसे टिकट श्रलवरका लेवे ॥ रेलसे एक मील राजाकी धर्मशाला बड़ी है वहां ठहरें ॥ इहांसे आधे मील बडे बजारके नजीक मंदिर पाँच हैं। चैत्यालय तीन हैं। अगरवाले श्रावकोंके तीनसौ घर हैं ॥ खंडेलवाल श्रावकोंके एकसौ तेइस घर हैं ॥ सैलवाल श्रावकोंके सात घर हैं। ॥२॥ अलवरसे टिकट जयपुरका लेवे बीच में बांदीकुईमें रेल बदलती है इस रेलसे उतरके जयपुर जानेवाली रेलमें बैठे रेलकेपास दो मंदिर हैं ॥ वहां धर्म