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विषयानुक्रम
पृष्ठ संख्या
• भूमिका
i-xi
अध्याय-1
1-28
साहित्य और युग चेतना : अन्तर्सम्बन्ध • युग चेतना • युग चेतना की महत्ता • युग चेतना और उसके विविध स्तर • परम्परा और चेतना • पृष्ठभूमि और चेतना • परम्परा और पृष्ठभूमि • साहित्य और समाज का युग चेतना से सम्बन्ध • कथा साहित्य में युग चेतना का स्वरूप
अध्याय-2
29-71
जैनेन्द्र के कथा साहित्य में युगान
सामाजिक चेतना • कथाकार और समाज : अन्तर्बाह्य सम्बन्ध • व्यक्ति और समाज • स्त्री-पुरुष एवं परिवार • ब्रह्मचर्य • विवाह और परिवार