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जैनेन्द्र की कहानिया दसवा भाग
मे हो जाएगा । ऐसी कोई तवाही नहीं है । तन्दुरुस्ती है तो दुनिया है
और सब काम वकत पर हो सकते है । लो, पायो यहा लेट जानो।" ____टाइपिस्ट चला ही गया था और आराम मे लेटे रहना मुझे कभी बुरा नही मालूम होता है ! अक्तूबर '६४