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नेन्द्र बानियों का भाग
होने
उसने दी से ऐतिहात सारे का समय जा रहा था। लेकिन विना भाषण में दो दशक का नया । सामने नृत्य वा वार्यकम घन रहा था। इतने में देगा कि एक राजन आये है और पाया उन्होंने उसने हाथ एवं पूर्वा चमा दिया है। लिया है कि ग्रन्थमोचन के समारोह की ओर से था यहा हूं। गाटी माया हूं, फौरन चलना है ।
वाद याप घटा और लगा । प्रतिवा कुछ घाट चीन में ए । बोलना हुआ और तब छुट्टी पर
पर
के लिए स्याना हुआ जा स
स्थान बहुत ही भव्य और बाहर ही काकी
महत्वपूर्ण
!
गारग
था । नार पर मतिदिती पोरगी
है। उपने ओर मानेको वा ।
म्या
नि
गहरा गया। नगर में मील की पर होगा पोरगी दानिय नकार
मिरिन दिरा ना भाई का भजन शेर मन में जो मारिरह में विभाग में ही की है, यि
पानापा भारत की
था और गोसाई देने नगर के
1
कभी
कुछ।
याद मानपान का था। य
की है। पति या और बह मेरा पर पाना