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________________ कः पन्था शहर के बड़े लोगों ने एक क्लब खोल रखा है, 'द वीज' (The we's)। उस क्लब के सदस्य गिने-चुने हैं। इस शान के क्लब मैंने अमेरिका और विलायतों में देखे हैं, यहाँ तो दूसरा नहीं देखा। लाचार जब भाषण देने में पहली बार वहाँ गया, तब लालचन्द से मेरा परिचय हुआ। शहर के सबसे बड़े जौहरी का वह सबसे छोटा पुत्र था। ___ व्याख्यान समाप्त हो गया और क्लब के सदस्यों से परिचयलाभ कर जब मैं चलने लगा, तब क्लब के मन्त्री और लगभग अन्य सभी सदस्य हाल के द्वार तक मुझे पहुँचाने आये। उस समय एक व्यक्ति आगे बढ़कर, खड़ी हुई मोटरकार का दरवाजा खोल, विनीत भाव से अभिवादन-पूर्वक मेरे समक्ष प्रा खड़ा हुआ । निर्दोष उज्ज्वल खादी के वस्त्र पहने, विनय की मूर्ति बना, इकहरे बदन का वह बाईस-चौबीस वर्ष का युवा वालक मुझे बड़ा भला मालूम हुआ। क्लब के मन्त्री ने अँगरेजी में कहा, "मैं आपका परिचय तो करा ही न सका । काम में आगे बढ़कर नाम के समय आप सदा ११३
SR No.010359
Book TitleJainendra Kahani 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvodaya Prakashan
PublisherPurvodaya Prakashan
Publication Year1953
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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