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पाजेब मुझे उसकी जिद बुरी मालूम हुई । मैंने कहा कि तो कहीं तुमने उसे गाड़ दिया है ? क्या किया है ? बोलते क्यों नहीं ?
वह मेरी ओर देखता रहा और कुछ नहीं बोला। मैंने कहा कुछ कहते क्यों नहीं? . वह गुम-सुम रह गया । और नहीं बोला । मैंने डपटकर कहा कि जाओ, जहाँ हो वहीं से पाजेब लेकर आओ।
जब वह अपनी जगह से नहीं उठा और नहीं गया तो मैंने उसे कान पकड़कर उठाया । कहा कि सुनते हो ? जाओ पाजेब लेकर आओ। नहीं तो घर में तुम्हारा काम नहीं है।
उस तरह उठाया जाकर वह उठ गया और कमरे से बाहर निकल गया । निकलकर बरामदे के एक कोने में रूठा मुंह बनाकर खड़ा रह गया। ____ मुझे बड़ा क्षोभ हो रहा था । यह लड़का सच बोलकर अब किस बात से घबरा रहा है, यह मैं कुछ समझ म सका। मैंने बाहर
आकर जरा धीरे से कहा कि जाओ भाई, जाकर छुन्नू से कहते क्यों नही हो ?
पहले तो उसने कोई जवाब नहीं दिया और जब जवाब दिया ता बार-बार कहने लगा कि छुन्नू के पास नहीं हुई तो वह कहाँ से देगा ?
मैंने कहा कि जितने में उसने बेची होगी वह दाम दे देंगे। समझे न जाओ, तुम कहो तो।
छुन्नू की माँ तो कह रही है कि उनका लड़का ऐसा काम नहीं कर सकता । उसने पाजेब नहीं देखी।