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________________ ५९४ जैनदर्शन चत्तारि दंडक दशभक्त्यादिके अन्तर्गत छान्दो० छान्दोग्योपनिषत् जड़वाद अनीश्वरवाद लक्ष्मणशास्त्री जोशीकृत जैनतर्कवा० जैनतर्कवार्तिक जैनतकवा० टि० जैनतर्कवार्तिकटिप्पण जैनदार्शनिक साहित्यका प्रो० दलसुखभाई मालवणिया सिंहावलोकन द्वारा लिखित जैनसाहित्यमें विकार पं० बेचरदासजी दोशीकृत जैनेन्द्रव्याकरण पज्यपादकृत तत्त्वसं० तत्त्वसंग्रह तत्त्वसं० पं० तत्वसंग्रहपञ्जिका तत्त्वार्थराजवा०, तत्त्वार्थवा० तत्त्वार्थराजवार्तिक राजवा० तत्त्वार्थश्लो०, त० श्लो० तत्वार्थश्लोकवार्तिक तत्त्वार्थाधि० भा०, तत्त्वार्थभा० तत्वार्थाधिगमभाष्य त० सू०, तत्त्वार्थसू० तत्त्वाथसूत्र तत्त्वोप० तत्त्वोपप्लवसिंह तैत्तिरी० तैत्तिरीयोपनिषत् त्रि० प्रा० त्रिविक्रमकृत प्राकृतव्याकरण त्रिलोकप्रज्ञप्ति तिलोयपण्णत्ति दर्शनका प्रयोजन डॉ. भगवानदासकृत दर्शनदिग्दर्शन महापंडित राहुल सांकृत्यायनकृत् दीघनि० दीघनिकाय द्रव्यसं० द्रव्यसंग्रह द्वात्रिंशद् द्वात्रिंशतिका यशोविजयकृत धर्म० धर्मसंग्रह
SR No.010346
Book TitleJain Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year1966
Total Pages639
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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