________________
सूक्ति-सुधा ]
[ २५३
दास, दासी, नौकर-चाकर, पशू, पक्षी आदि का संग्रह करना सचित्त उपाधि है । मोटर, गाड़ी, खेत, मकान, सोना, चाँदी, धान्य आदि का संग्रह करना अचित्त उपाधि है । सचित्तं - अचित्त दोनो का संग्रह मिश्र उपाधि है ।
4
(४०)
छन्द निरोहेगा उबेर मोरखं ।
उ०, ४, ८
टीका - इच्छाओं को तथा वासनाओ को, और आसक्ति को रोकने से ही, इन पर काबू करने से ही आत्मा मोक्ष प्राप्त कर सकती है । इच्छा, वासना और आसक्ति पर काबू नही करने वाला अनन्त जन्म-मरण करता है ।
3