________________
सूक्ति-सुधा]
[ १९५
(२८) तमो गुत्तीओ पएणत्ताओ, मणगुत्ती, वयगुत्ती, कायगुत्ती।
ठाणा, ३ रा ठा, १ ला, उ, ९ टीका-गुप्तियाँ तीन प्रकार की कही गई है.-१ मन-गुप्ति '२ वचन गुप्ति और ३ काया-गुप्ति । मन, शरीर और इन्द्रियों की प्रवृत्तियों पर विवेक-पूर्वक धर्मानुसार नियत्रण करना गुप्ति-धर्म है।