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[ महापुरुष-सूत्र
टीका - श्रावको की चार श्रेणियाँ और भी इस प्रकार है :
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(१) जैसा साधुजी कहते हैं, वैसी ही श्रद्धा रखने वाला श्रावक-दर्पण मे पड़ने वाले प्रतिविम्ब के समान आदर्श श्रावक है । (२) साघुजी की प्रसंगोपात्त - विविध देशना सुनकर चल वृद्धि का हो जाने वाला श्रावक पताका समान श्रावक है' | (३) अपना हठ कभी भी नही छोड़ने वाला श्रावक ठूठ समान स्थाणु श्रावक है ।
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(४) साधुजी द्वारा हित की शिक्षा देने पर भी कठोर औरदुष्ट वचन वोलने वाला श्रावक खर-कंटक समान श्रावक है ।