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जैनागम स्तोक संग्रह लोक में असंख्यात गुणा उनसे तीनो लोक मे संख्यात गुणा उनसे अधो-तीर्छ लोक में सख्यात गुणा उनसे अधो लोक में संख्यात गुणा उनसे तीर्छ लोक में ३ बोल सख्यात गुणा और पंचेन्द्रिय का पर्याप्ता असंख्यात गुणा। ( एव तीन मनुष्यनी के ) बोल–सव से कम तीनों लोक में उनसे ऊर्ध्व-तीर्छ लोक में मनुष्य असंख्यात गुणा मनुष्यनी संख्यात गुणी उनसे अधो-तीर्छ लोक में संख्यात गुणा उनसे ऊर्ध्व लोक में संख्यात गुणा उनसे अधोलोक में संख्यात गुणा उनसे तीजे लोक में संख्यात गुणा ।
६ बोल-व्यन्तर के । समु० व्यन्तर देव पर्याप्ता, अपर्याप्ता एवं ३ देवी के ) बोल सब से कम ऊर्ध्व लोक मे, उनसे ऊर्ध्व तीर्छ लोक में असंख्यात गुणा उनसे तीन लोक में संख्यात गुणा उनसे अधोतीर्छ लोक में असंख्यात गुणा उनसे अधोलोक मे संख्यात गुणा उनसे तीर्छ लोक में संख्यात गुणा
६ वोल ज्योतिषी के ( ३ देव के, ३ देवी के ऊपरवत् ) सब से कम ऊर्ध्व लोक में उनसे ऊर्व तीर्छ लोक में असं० गुणा उनसे तीन लोक में सख्यात गुणा उनसे अधो-तीर्छ लोक मे असंख्यात गुणा उनसे अधोलोक में संख्यात गुणा, उनसे तीर्छ लोक असंख्यात गुणा ।
६ बोल-वैमानिक ( ३ देवी के ऊपरवत् ) के सब से कम ऊर्ध्वतीर्छ लोक में उनसे तीन लोक में संख्यात गुणा उनसे अधो-तीर्छ लोक में संख्यात गुणा उनसे अधो लोक में संख्या गुणा उनसे अधो लोक में सख्यात गुणा उनसे ऊर्ध्व लोक में असंख्यात गुणा।
६ वोल तीन विकलेन्द्रिय के ( ३ पर्याप्ता, ३ अपर्याप्ता ) सब से कम ऊर्ध्व लोक उनसे ऊर्ध्व तीर्छ लोक में असंख्यात गुणा उसने अधो ती लोक में असख्यात गुणा उनसे अधो लोक में सख्यात गुणा उनसे तीर्छ लोक मे सख्यात गुणा ।
५ बोल ( समुच्चय पंचेन्द्रिय समु० अपर्याप्त समु० त्रस, त्रस के पर्या० अपर्याप्त ) सब से कम तीन लोक मे उनसे ऊर्ध्व-तीर्छ लोक