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सजया (संयति)
२८ आगरेस द्वार-संयम कितनी वार आवे? नाम
एक भव अपेक्षा अनेक भब अपेक्षा ज० उत्कृष्ट
ज० उत्कृष्ट सामायिक १ प्रत्येक सौ बार २ प्रत्येक हजार बार छेदोपस्था० १ प्रत्येक सौ बार २ नव सौ बार से अधिक परिहार वि० १ तीन बार २ नव सौ बार से अधिक सूक्ष्म स० १ चार बार २ नव वार यथाख्यात १ दो बार
२ पॉच वार २६ स्थिति द्वार-सयम कितने समय रहे ?
एक जीवापेक्षा अनेक जीवापेक्षा नाम ज० उत्कृष्ट ज० उत्कृष्ट सामायिक १ स देश उ. को पू० शाश्वता शाश्वता छेदोप० १ स. देश उ. को । २० वर्ष ५० क्रोड सा परिहार वि० १२६ वर्ष उणा को देश उणा देश उ. को पू
२५० वर्ष सूक्ष्मसम्पराय १ अन्तर्मुहूर्त अन्त० अन्तर्मुहूर्त यथाख्यात १ देश उ० को पू शाश्वता शाश्वता
३० अन्तर द्वार-एक जीवापेक्षा ५ सयति का अन्तर ज० अ० मु० देश उणा अर्ध पुद्गल परावर्तन काल । अनेक जीवापेक्षासामा०, यथा० मे अन्तर नही पडे । छेदो० मे जघन्य ६३ ०० वर्ष, परि० मे जघन्य ८४००० वर्ष का । दोनो मे उ० देश उगा १८ कोडाक्रोड सागर का और सूक्ष्म मे ज० १ समय उ० ६ माह का अन्तर पड़े।
३१ समुद्घात द्वार-सामा० छेदो० मे ६ समु० ( केवली समु० छोड कर ) परि० मे ३ प्रथम की, सूक्ष्म० मे नही और यथा० मे १ केवली समुद्घात । ___ ३२ क्षेत्र द्वार-पाचो ही संयति लोक के असख्यातवे भाग होवे, यथा० वाले केवली समु० करे तो समस्त लोक प्रमाण होवे ।