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________________ ४७२ ७ अल्पबहुत्व द्वार समुच्चय अल्पबहुत्व १ सब से कम आहा, समु. वाले २ केवली स. वाले संख्या. गुणा ३ तैजस स. वाले असं० गुणा ४ वैक्रिय स. वाले असं गुणा ५ मरणांतिक स. वाले अनंत गुणा ६ कषाय स. वाले अस० गुरगा ७ वेदनी स. वाले विशेष गुणा असमोहिया स. वाले अस. गुरणा ८ जैनागम स्तोक सग्रह १ नरक का अल्पबहुत्व १ सब से कम मर० स० वाले २ उन से वैक्रिय समु. अ. गु. ३ उनसे कषाय स. संख्या. अ गु. ४ उनसे वेदनी समु. अ. गु. ५ उनसे असमो. समु. अ. गु, २ देवता का अल्प बहुत्व १ सब से कम तै. समु. वाले २ उनसे मर० स० वाले अ० गुण ३ उनसे वेदनी समु वाले अ. गुण ४ उनसे कषाय समु. वाले सं. गु. ५ उनसे वैक्रिय समु. वाले सं गु. ६ उनसे असमोहिया वाले सं. गु. ३ मनुष्य का अल्पबहुत्व १ सब से कम आहा. समु. २ उनसे समु. संख्या. गुणा वाले असं. गुणा ३ तैजस समु. ४ वैक्रिय के. समु. संख्या गुणा ५ मरणांतिक समु० असं० गुणा
SR No.010342
Book TitleJainagam Stoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Maharaj
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year2000
Total Pages603
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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