________________
K
-
०
०
३२०
जैनागम स्तोक संग्रह ३७ अधोलोक पचेन्द्रिय , १४ २० ३ . ३८ , मन योगी में ७ ५ १ २५ ३६
एकांत असज्ञी में ० ३८ १ ० ४० औदारिक शुक्ल लेशी में ४१ शुक्ल लेशी सम्यक् दृष्टि अभाषक में
० ५ १५ २१ ४२ शुक्ल लेशी वचन योगी में ४३ उर्ध्व लोक मन योगी में ४४ शुक्ललेशी देवताओं में
• ४४ ४५ कर्म भूमि मनुष्यो में
४५ ४६ अधोलोक के वचन योगी में ७ १३ १ २५ ४७ शुक्ललेशी उर्ध्वलोक में
अवधि ज्ञानी ४८ अधोलोक मे त्रस अभाषक ७ ४६ उप्रलोक शुक्ललेशी अवधि दर्शनी
० ५ ० ४४ '५० ज्योतिषी की आगति में . ५१ अधोलोक में औदा० शरीर में ० ५२ उर्ध्वलोक शुक्ललेशी
सम्यक् दृष्टि "५३ अधोलोक के एकान्त नपुंसक वेद में
१४ ३३ १ ० ५४ ऊर्ध्वलोक शुक्ल लेशी में ५५ अधोलोक बादर नपुसक में ५६ तिर्यक् लोक मिश्र दृष्टि में ५७ अधोलोक पर्याप्त में
७ २४ १ २५ ५८ अधोलोक अपर्याप्त में ___७ २४ २ २५
जे
ا
ه
س
ر
مه