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________________ जीवों की मार्गणा के ५६३ प्रश्न ३१६ ० ० १० . ० १७ ० ० ० २२ . १४ अधो लोक वचन योगी औदारिक शरीर मे १५ केवली मे १६ उर्व लोक पचेन्द्रिय तेजो लेश्या मे . १७ सम्यक् दृष्टि घ्राणेन्द्रिय तिर्यञ्च मे १८ सम्यक् दृष्टि तिर्यञ्च मे १६ उर्ध्व लोक तेजो लेश्या मे २० मिश्र दृष्टि गर्भज मे । २१ औदारिक शरीर मे से वैक्रिय करने वाले में २२ एकेन्द्रिय जीवो मे • २३ अधोलोक के मिश्र दृष्टि में ७ २४ घ्राणेन्द्रिय तिर्यञ्च में २५ अधोलोक के वचन योगी देवो मे • २६ त्रस तिर्यच मे __० २७ शुक्ल लेशी मिश्र दृष्टि मे . २८ तिर्यञ्च एक सहनन वाले मे . २६ अधोलोक त्रस ओदारिक मे ० ३० एकान्त मिथ्यात्वी तिर्यञ्च मे ० ३१ अधोलोक पुरुष वेद भाषक मे ० ३२ पद्म लेशी मिश्र दृष्टि मे . ३३ पद्म लेशी वचन योगी में . ३४ उर्ध्व लोक मे एकान्त मिथ्या०मे ० . ३५ अवधि दर्शन औदा० शरीर मे ० ३६ उर्ध्वलोक एकात नपुंसक में . ० ० ० ० ० २६ . ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० ० . ० . ० . . xmu ० ० ० ०
SR No.010342
Book TitleJainagam Stoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Maharaj
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year2000
Total Pages603
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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